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Raksha Bandhan Special | Rajasthani | HD Video | Raksha Bandhan Ka Mahtav

2016-09-23 321 Dailymotion

रक्षाबंधन भाई बहनों का वह त्योहार है ,जो मुख्यत: हिन्दुओं में प्रचलित है <br />पर इसे भारत के सभी धर्मों के लोग,समान उत्साह और भाव से मनाते हैं। <br />पूरे भारत में इस दिन का माहौल देखने लायक होता है , और हो भी क्यूं ना, यही तो एक , ऐसा विशेष दिन है जो भाई-बहनों के लिए बना है।<br /> यूं तो भारत में भाई-बहनों के बीच ,प्रेम और कर्तव्य की भूमिका <br />किसी एक दिन की मोहताज नहीं है पर रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना है। <br />वर्षों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी बेहद धूम धाम के साथ मनाया जाता है। <br /> हमारी पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार राजा इन्द्र पर दानवों ने हमला कर दिया जिसमें राजा इन्द्र की शक्ति कमजोर पङने लगी। <br />तब इन्द्र की पत्नी इन्द्राणी जिनका शशिकला नाम था, उन्होने ईश्वर के समक्ष तपस्या तथा प्रार्थना की।<br /> <br /> इन्द्राणी की तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर ने शशिकला को एक रक्षा सूत्र दिया । <br />इन्द्राणी ने उसे इन्द्र के दाहिने हाँथ में बाँध दिया, इस पवित्र रक्षा सूत्र की वजह से इन्द्र को विजय प्राप्त होती है। जिस दिन ये रक्षासूत्र बांधा गया था <br />उस दिन सावन मास की पूर्णिमा थी। <br />संभवतः इसीलिए रक्षाबंधन का पर्व आज-तक सावन <br />मास की पूर्णिमा को ही मनाया जाता है।<br /> <br />अब तो प्रकृति संरक्षण हेतु वृक्षों को राखी बाँधने की परम्परा भी प्रारम्भ हो गयी है , इस दिन लड़कियाँ और महिलाएँ पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई और कुछ पैसे भी होते हैं।<br /> अब तो प्रकृति संरक्षण हेतु वृक्षों को राखी बाँधने की परम्परा भी प्रारम्भ हो गयी है , इस दिन लड़कियाँ और महिलाएँ पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई और कुछ पैसे भी होते हैं।<br /> <br />लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, <br />इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर छिड़का जाता है। उसकी आरती उतारी जाती है, दाहिनी कलाई <br />पर राखी बाँधी जाती है और पैसों से न्यौछावर करके उन्हें गरीबों में बाँट दिया जाता है। इस प्रकार रक्षाबन्धन के अनुष्ठान को पूरा करने के बाद ही भोजन किया जाता है।

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